तुम्हारी हँसी जैसे बारिश की पहली बूँद


 तुम्हारी हँसी जैसे बारिश की पहली बूँद —

जो सीधे दिल पर गिरती है और सब कुछ भिगो जाती है।
तुम्हारी मौजूदगी में हर दर्द छोटा लगता है,
जैसे तुम्हारा होना ही मेरी ताक़त बन गया हो।

हर सुबह तुम्हें सोचकर आँखें खुलती हैं,
और हर रात तुम्हारे ख़्वाबों में ही मेरी नींद उतरती है।
तुम्हारी बातें मेरी दुनिया को रंग देती हैं,
जैसे किसी फीकी तस्वीर में अचानक जीवन उतर आया हो।

तुम सिर्फ एक एहसास नहीं,
एक दुआ हो जो हर बार खुदा से बिना कहे माँग ली जाती है।
तुमसे मिलकर ऐसा लगता है —
जैसे सारी अधूरी कहानियाँ अब मुकम्मल हो जाएँगी।

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